मंगलवार, 3 मार्च 2009

सुमित्रानंदन पन्त (कविता)

वसंत
चंचल पग दीपशिखा के धर
गृह, मग़, वन में आया वसंत
सुलगा फागुन का सूनापन
सौन्दर्य शिखाओं में अनंत
सौरभ की शीतल ज्वाला से
फैला उर उर में मधुर दाह
आया वसंत, भर पृथ्वी पर
स्वर्गिक सुंदरता का प्रवाह
पल्लव पल्लव में नवल रूधिर
पत्रों में मांसल रंग खिला
आया नीली पीली लौ से
पुष्पों के चित्रित दीप जला
अधरों की लाली से चुपके
कोमल गुलाब से गाल लजा
आया पंखड़ियों को काले- पीले
धब्बों से सहज सजा
कलि के पलकों में मिलन स्वप्न अ
लि के अंतर में प्रणय गान
लेकर आया प्रेमी वसंत
आकुल जड़-चेतन स्नेह प्राण


हर पल की ख़बर ! न्यूज चैनलों में भारी पड़ता चौबीस घंटा

न्यूज चैनलों में जब चौबीस घंटे न्यूज दिखाने की होड़ शुरू हुई थी तो बड़ा शोर शराबा हुआ था पल-पल की ख़बर! हरपल की ख़बर ! पर समय बीतने के साथ ये चौबीस घंटे इनपर अब भारी पड़ने लगे हैं। कहाँ से लायें इतनी ख़बर फ़िरशुरू हुआ ख़बरों को बार-बार, लगातार दिखाने का दौड़ पर इससे जो नया है वही न्यूज है वाला फंदा ही बदल गया।सुबह से शाम तक एक ही न्यूज जब तक कि कुछ नया हाथ लग जाए इसके बाद न्यूज को खींचने का दौड़ शुरू हुआ।समाचार की दुनिया में जिसे फॉलोअप कहा जाता है। जैसे सुनीता विलियम्स ने अन्तरिक्ष में जा कर न्यूज बनने लायककाम किया(मैं सुनीता की उपलब्धि को कम नहीं कर रहा हूँ) तो उनकी सारी पसंद नापसंद भी न्यूज बन गया खाने मेंक्या पसंद है, नहीं है आदि-आदि। इनके सारे संबंधियों को पकड़ कर न्यूज बनाया जाने लगा। अभी एक मई को महाबलीखली की घर वापसी पर जी न्यूज ने तकरीबन एक घंटे का कार्यक्रम दिखाया गया उनके पैट्रिक गाँव में उनका मकान बन रहा है। अब खली न्यूज हैं तो उनकाबनता हा माकन भी न्यूज हैऔर उसमें काम करने वाले मिस्त्री भी न्यूज है। खली के दोस्त भी न्यूज हैं और बचपन में खली लोटा लेकर कहाँ फारिग होने जातेथे शायद ये भी न्यूज है। पता नहीं इसे क्यूं छोड़ दिया उनलोगों ने। अभी एकाध सप्ताह पहले आजतक तो हाथ धोकर खली के पीछे पड़ गया था उनकी हारकी ख़बर भी उसी शान और जज्बे के साथ दिखायी जा रही थी जिस तरह क्रिकेट में भारत की जीत को दिखाया जाता है। इधर खुछ दिनों से टाईम पास करनेके लिए आई पी एल नाम का झुनझुना हाथ लग गया है। वो भी अधनंगी लड़कियों के लटकों-झटकों वाला बिकाऊ झुनझुना जब जी में आया बैठ गए झुनझुनालेकर टाईम काटने के लिए ये चीजें भी जब नाकाफी रहीं तो मनोरंजन चैनलों की चीजें उठाकर पडोसने लगे कभी धारावाहिकों की कहानी तो कभी लाफ्टरशोज के फुटेज धारावाहिकों से डर कर यदि आपने न्यूज चैनल ऑन किया है तो यहाँ भी आपकी खैर नहीं है। सास बहू और साजिश को वहां नहीं झेला है तोयहाँ झेलिये बच कर कहाँ जायेंगे। दाऊद के पीछे पड़े तो उसे इतनी बार दिखाया कि अँधा भी दाऊद को पहचान ले। कभी कभी तो ये न्यूज चैनल वाले ऐसाखौफ पैदा कर देते है कि पूछिए मत। प्रलय होने वाला है। सृष्टि ख़त्म होने वाली है। अरे भाई, सृष्टि जब ख़त्म होगी तब होगी , अभी से लोगों को क्यों हलकानकर रहे हो भूत प्रेतों वाली चीजें तो अब न्यूज चैनलों का अहम् हिस्सा बन गयी हैं और प्रस्तुतकर्ता भी पता नहीं कहाँ से ढूंढ कर लाते हैं। कहानी से पहलेइन्हें देख कर ही डर लगता है। चैन से सोना है तो जाग जाओ अरे भइया , जब जग ही गए तो सोयेंगे भूत या कत्ल देख कर? बलात्कार की खबर इतनेउत्साह से दिखाते हैं कि क्या कहें। और हाँ, सबसे अद्भुत तो इनका ब्रेकिंग न्यूज होता है. ब्रेकिंग न्यूज- सोनिया गाँधी की नींद खुल गयी. ब्रेकिंग न्यूज- फलानेटीम की मीटिंग ख़त्म हुई. ब्रेकिंग न्यूज- राहुल गाँधी आज टहलने निकले . किसी दिन आप देखेंगे - बकरी ने बच्चा दिया - ब्रेकिंग न्यूज . ब्रेकिंग न्यूज की एकऔर खासियत है- यह कई चैनलों पर एक साथ दिखाया जाता है. एक और बड़ी मजेदार चीज होती है इन न्यूज चैनलों में. किसी मुद्दे पर बहस के लिए अतिथिबुलाये जाते हैं. अपेक्षा ये रहती है कि अतिथि बोलेंगे और प्रस्तुतकर्ता समन्वय का काम करेंगे परन्तु अतिथि बोलने के लिए मुंह खोलते ही हैं कि प्रस्तुतकर्ताबोल पड़ते हैं अतिथि को बीच में ही चुप करा दिया जाता है. और संयोग से बहस किसी नतीजे पर पहुँचता प्रतीत होता है तो इनका टाईम ही ख़त्म हो जाता हैऔर अधिकांश बहस बिना किसी तीजे पर पहुंचे ही ख़त्म हो जाती है. आशा ये की जाती थी कि न्यूज चैनलों की बढती तादाद से पैदा हुई स्पर्धा से इनमेंगुणात्मक सुधार होगा, कुछ अच्छी चीजें देखने सुनने को मिलेंगी पर हुआ इसका उल्टा . न्यूज चैनलों का स्तर दिन-बी-दिन गिरता ही चला गया . आज ये दशाहो गई है न्यूज चैनलों की लेकिन क्या करे मीडिया |

सोमवार, 2 मार्च 2009

स्वात घाटी में टीवी पत्रकार की हत्या


पाकिस्तान के स्वात घाटी में जियो टीवी चैनल के पत्रकार मूसा खान खेल की कल शाम हत्या कर दी गई. 28 वर्षीय युवा पत्रकार मूसा खान जियो टीवी चैनल के लिए काम करते थे. उन्हें स्वात के मट्टा इलाक़े में मारा गया जिस पर तालेबान का काफ़ी प्रभाव है. पत्रकार मूसा ख़ान खेल को पहले अग़वा किया गया और बाद में उनका गोलियों से छलनी शव मिला. गोली मारने के बाद मूसा खान खेल का निर्ममता से सर भी कलम कर दिया गया था. वह स्वात में सरकार और तालिबान के बीच हुए समझौते की ख़बर कवर कर रहे थे.शक जताया जा रहा है कि पत्रकार की हत्या के पीछे तालिबान का हाथ है. अभी तक किसी भी संगठन ने इस कार्यवाई की ज़िम्मेदारी नहीं ली है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गिलानी ने टीवी पत्रकार की हत्या पर दुःख और अफसोस जताया है. पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री शेरी खान ने इसे पत्रकारिता पर हमला बताया. टीवी पत्रकार के निर्ममता पूर्वक हत्या का पाकिस्तान के पत्रकारिता जगत द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है. पत्रकारों द्वारा आज पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन और विरोध किया जाएगा. तीन महीने के भीतर स्वात घाटी में किसी पत्रकार की हत्या की यह दूसरी घटना है. वैसे अबतक स्वात में कुल 15 पत्रकार अपनी जान गवा चुके है

आईआईएमसी के छात्रों का मिलन समारोह


देश के अग्रणी मीडिया संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मॉस कम्युनिकेशन में कल का दिन पूर्व छात्रों के मिलन समारोह का था. अलग - अलग मीडिया संस्थानों में काम करने वाले आईआईएमसी के पूर्व छात्र कल यहाँ इकठ्ठा हुए और संस्थान में बिताये अपने पुराने दिनों को याद किया. आईआईएमसी में हर साल यह मिलन समारोह आयोजित किया जाता है और इसे आईआईएमसी का हिन्दी पत्रकारिता विभाग आयोजित करता है. इस मौके पर संस्थान के कई पूर्व फैकल्टी मेंबर भी उपस्थित थे जिनमें प्रमुख रूप से सुभाष धुलिया, प्रदीप माथुर, वर्तिका नंदा थे. पूर्व आईआईएमसी छात्रों में कई बड़े नाम भी थे. न्यूज़ 24 के न्यूज़ डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद , आजतक के राणा यशवंत, वरिष्ठ पत्रकार शम्भुनाथ सिंह जैसे पत्रकारिता के बड़े चेहरे भी समारोह में मौजूद थे. इनके अलावा लगभग 400 पूर्व छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया. खास बात यह रही कि इस मौके पर 1988 बैच से लेकर 2008 बैच तक के आईआईएमसी के छात्र शामिल थे. इस मौके पर आईआईएमसी में बतौर सह प्राध्यापक कार्यरत आनंद प्रधान ने कहा कि " आईआईएमसी में पूर्व छात्रों का मिलन समारोह का यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा और इस क्रम को हम टूटने नही देंगें. यह एक परिवार है और परिवार के बीच संवाद के लिए हम ऐसे कार्यक्रम आगे भी आयोजित करते रहेंगे.”|